What Does Shiv chaisa Mean?
What Does Shiv chaisa Mean?
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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
लिङ्गाष्टकम्
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक more info आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ shiv chalisa lyricsl हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
जन्म जन्म के shiv chalisa lyricsl पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥